महात्मा बुद्ध, बालार्क अण्टावक्र, तथा , बाल्मिक महाराजा सुहेलदेव , महाराजा बलभद्र, की तपोभूमि कहीं जाने वाली जनपद बहराइच की धरती पर शिक्षा का अभाव देखकर क्षेत्र के सम्मानित शिक्षाविद श्री जगदंबा प्रसाद मिश्र जी का मन सदैव इस चिंतन में लगा रहता था कि शिक्षा का स्तर सुधारे बिना जनपद का विकास नहीं हो सकता इसी चिंतन के क्रम में आप ने पाया कि जनपद बहराइच से लगा हुआ उत्तरी क्षेत्र बहुत ही पिछड़ा एवं , अशिक्षित है केवल मजदूरी ही उसके जीवन यापन का साधन है एवं बहराइच से सोनवा के बीच में माध्यमिक शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है क्षेत्र के शैक्षणिक विकास के लिए आपने श्री मानस लघु माध्यमिक विद्यालय की स्थापना 1976 में की l फिर भी आप ने पाया कि विकास क्षेत्र की मात्र 10 प्रतिशत छात्र-छात्राएं ही माध्यमिक शिक्षा ग्रहण कर पा रही हैं अतः आपने माध्यमिक शिक्षा हेतु चिंतन एवम प्रयास प्रारंभ कर दिया आप के अथक चिंतन एवं प्रयास से ही जूनियर हाई स्कूल विद्यालय हाई स्कूल स्तर पर ,हुआ एवं शासन द्वारा मान्यता प्राप्त हुई फिर इंटरमीडिएट मानविकी वर्ग एवं वैज्ञानिक वर्ग की मान्यता शासन द्वारा प्राप्त कराई गई आगे भी आपका चिंतन एवं प्रयास उच्च शिक्षा के क्षेत्र में तथा व्यवसायिक शिक्षा की स्थापना से जुड़ा हुआ है जो भविष्य में ईश्वर की कृपा से क्षेत्र को एक नई दिशा प्रदान करेगा ( रमेश चंद्र ) प्रवक्ता - एमबीए , M.A. B.Ed
